bjp https://eyeindia.org Tue, 01 Jul 2025 14:45:56 +0000 en-US hourly 1 सीतापुर–पेयर किए गए बेसिक स्कूल में ताला डालने आई प्रधानाध्यापिका को ग्रामीणों ने घेरा,काटा हंगामा,दी चेतावनी ! https://eyeindia.org/%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a5%87%e0%a4%af%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%97%e0%a4%8f-%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%b8%e0%a4%bf/ https://eyeindia.org/%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a5%87%e0%a4%af%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%97%e0%a4%8f-%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%b8%e0%a4%bf/#respond Tue, 01 Jul 2025 14:45:56 +0000 https://eyeindia.org/?p=1157 https://eyeindia.org/%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a5%87%e0%a4%af%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%97%e0%a4%8f-%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%b8%e0%a4%bf/feed/ 0 UP Panchayat Elections-परिसीमन के बाद तस्वीर साफ, प्रदेश के 75 जिलो में कितनी ग्राम पंचायतो में होगा चुनाव ! https://eyeindia.org/up-panchayat-elections-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%a4%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a5%80%e0%a4%b0-%e0%a4%b8/ https://eyeindia.org/up-panchayat-elections-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%a4%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a5%80%e0%a4%b0-%e0%a4%b8/#respond Sun, 29 Jun 2025 10:47:33 +0000 https://eyeindia.org/?p=1131 यूपी में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर अब तस्वीर साफ हो गयी है। उत्तर प्रदेश की कितनी ग्राम पंचायतों में प्रधान, जिला […]

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यूपी में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर अब तस्वीर साफ हो गयी है। उत्तर प्रदेश की कितनी ग्राम पंचायतों में प्रधान, जिला पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्यों के अलावा कितने ब्लॉको में ब्लॉक प्रमुख चुनाव और कितने जिलो में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होगा। यह हम आपको इस खबर में बताने जा रह हैं। पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार 2026 में प्रदेश की 57 हजार 695 ग्राम पंचायतो में चुनाव होगा। इसके अलावा 826 ब्लॉको में ब्लॉक प्रमुख व 75 जिलो में जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जायेंगे। ग्राम पंचायतो के पुर्नगठन के बाद प्रदेश की 504 ग्राम पंचायते कम हो गयी हैं, यह वह ग्राम पंचायते हैं जो नगर निकायो में शामिल हो गयी हैं। जिलेवार बात करें तो 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव में आगरा में 690, अलीगढ़ में 852, अम्बेडकर नगर में 899, अमेठी में 682, अमरोहा में 576, औरेया में 477, अयोध्या में 772, आजमगढ़ में 1811, बागपत में 244, बहराइच में 1043, बलिया में 940, बलरामपुर में 793, बांदा में 469, बाराबंकी में 1155, बरेली में 1188, बस्ती में 1187, भदोही में 546, बिजनौर में 1123, बदांयू में 1037, बुलंदशहर में 946, चंदौली में 734, चित्रकूट में 328, देवरिया में 1121, एटा में 569, इटावा में 469, फर्रूखाबाद में 580, फतेहपुर में 816, फिरोजाबाद में 564, गौतमबुद्ध नगर में 82, गाजियाबाद में 142, गाजीपुर में 1238, गोंडा में 1192, गोरखपुर में 1273, हमीरपुर में 330, हापुड़ में 273, हरदोई में 1293, हाथरस में 462, जालौन में 534, जौनपुर में 1734, झांसी में 496, कन्नौज में 499, कानपुर देहात में 618, कानपुर नगर में 590, कासगंज में 423, कौशाम्बी में 451, लखीमपुर खीरी में 1164, कुशीनगर में 980, ललितपुर में 415, लखनऊ में 491, महाराजगंज में 882, महोबा में 273, मैनपुरी में 549, मथुरा में 495, मऊ में 645, मेरठ में 479, मिर्जापुर में 809, मुरादाबाद में 643, मुजफ्फर नगर में 487, पीलीभीत में 720, प्रतापगढ़ में 1148, प्रयागराज में 1540, रायबरेली में 980, रामपुर में 680, सहारनपुर में 884, सम्भल में 670, संतकबीर नगर में 730, शाहजहांपुर में 1068, शामली में 230, श्रावस्ती में 397, सिद्धार्थनगर में 1136, सीतापुर में 1588, सोनभद्र में 621, सुल्तानपुर में 979, उन्नाव में 1037 और वाराणसी में 694 ग्राम पंचायतो में प्रधान, जिला पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्यों के चुनाव होंगे। बात अगर 2021 की करें तो पिछली बार यूपी की 58 हजार 195 ग्राम पंचायतो में चुनाव हुआ था। परिसीमन के बाद 36 जिलों की 504 ग्राम पंचायते नगर निकायो में शामिल होने के बाद अब ग्राम पंचायतो की संख्या 57695 रह गयी है। इसी तरह 2026 में 826 ब्लाको में प्रमुख व 75 जिलो में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव होंगे।
अब यह भी जान लीजिए कि वह कौन से 36 जिले हैं जिनमें ग्राम पंचायते कम हुई हैं या यूं कहे कि किन ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। अलीगढ़ में 16 ग्राम पंचायते नगर निकाय में शामिल हो गयी हैं जिनमें 2 ग्राम पंचायते आंशिक प्रभावित हुई हैं। अम्बेडकर नगर में 3 ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। इनमें से तीनो ग्राम पंचायत आंशिक प्रभावित हुई हैं। अमरोहा में 21 ग्राम पंचायते नगर निकाय में शामिल हुई हैं। अयोध्या में 22 ग्राम पंचायते समाप्त हो गयी हैं जिनमें 10 ग्राम पंचायते आंशिक प्रभावित हुई हैं वहीं आजमगढ़ में 47 ग्राम पंचायतों का अस्तित्व पूरी तरह समाप्त हो गया है। इनमें से एक ग्राम पंचायत आंशिक प्रभावित हुई है बहराइच जिले की बात करें तो यहां की चार ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। वहीं दो नई ग्राम पंचायते भी गठित हुई हैं। इनमें से एक ग्राम पंचायत आंशिक प्रभावित हुई है। बलरामपुर में 7 ग्राम पंचायते समाप्त हुई हैं जिनमें दो आंशिक प्रभावित हुई हैं। बाराबंकी में 6 ग्राम पंचायतो का अस्तित्व समाप्त हुआ है जिनमें तीन आंशिक प्रभावित हुई हैं। बरेली में पांच ग्राम पंचायते समाप्त हुई हैं वहीं बस्ती की बात करें तो यहां दो नई ग्राम पंचायतो का गठन हुआ है। बुलंदशहर में 5 ग्राम पंचायते समाप्त हुई हैं जिनमें 1 आंशिक प्रभावित हुई हैं। चित्रकूट में तीन ग्राम पंचायते पूरी तरह समाप्त हुई हैं जिनमें दो आंशिक प्रभावित हुई हैं। देवरिया में 64 ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। 64 में से 10 ग्राम पंचायते आंशिक प्रभावित हुई हैं इसी तरह एटा में 6 व इटावा में दो ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। फर्रूखाबाद में 14 ग्राम पंचायते समाप्त हुई हैं जिनमें तीन आंशिक प्रभावित हुई है। फतेहपुर में 18 ग्राम पंचायते समाप्त हुई हैं जिनमें एक आंशिक प्रभावित हुई है। गौतमबद्ध नगर में 6 ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है जिनमें दो आंशिक प्रभावित हुई हैं। गाजियाबाद में 19 ग्राम पंचायते समाप्त हो चुकी हैं जिनमें 4 आंशिक प्रभावित हुई हैं। गोंडा में 22 ग्राम पंचायते नगर निकाय में शामिल हुई जिनमें 5 आंशिक प्रभावित हुई हैं। गोरखपुर में 21 ग्राम पंचायते पूरी तरह समाप्त हो चुकी हैं जिनमें 8 आंशिक प्रभावित हुई हैं। हरदोई में 13 ग्राम पंचायते समाप्त हो चुकी हैं जिनमें 7 आंशिक प्रभावित हुई हैं। हाथरस में केवल एक ग्राम पंचायत समाप्त हुई है। जौनपुर की बात करें तो यहां 6 ग्राम पंचायते समाप्त हो चुकी हैं और सभी आंशिक प्रभावित हुई हैं। लखीमपुर खीरी में 1 ग्राम पंचायत समाप्त हुई है जो अंाशिक प्रभावित हुई है। कुशीनगर में 23 ग्राम पंचायते वहीं लखनऊ 3 ग्राम पंचायते समाप्त हो चुकी हैं। इसी तरह मथुरा में 9 ग्राम पंचायते समाप्त हुई जिनमें एक आंशिक प्रभावित हुई। मऊ में 26 ग्राम पंचायते समाप्त हो चुकी हैं और यहां 11 ग्राम पंचायते आंशिक प्रभावित हुई हैं। मुजफ्फर नगर में 11 पंचायते समाप्त हुई। यहां एक ग्राम पंचायत आंशिक प्रभावित हुई है। प्रतापगढ़ में 45 ग्राम पंचायते पूरी तरह समाप्त हो चुकी हैं इनमें से 10 आंशिक प्रभावित हुई हैं। रायबरेली में 8 ग्राम पंचायते समाप्त हुई, 1 आंशिक प्रभावित हुई। संत कबीरनगर में 24 ग्राम पंचायते समाप्त हुई जिनमें से 1 आंशिक प्रभावित हुई है। शाहजहांपुर में 1 ग्राम पंचायत समाप्त हुई है। शामली की बात करें तो यहां ग्राम पंचायत तो नहीं समाप्त हुई लेकिन एक ग्राम पंचायत आंश्कि प्रभावित हुई है। सीतापुर में 11 ग्राम पंचायते समाप्त हुई। जिनमें से एक आंशिक प्रभावित हुई है। इसी तरह सोनभद्र में 8 ग्राम पंचायते समाप्त हुई हैं जिनमें दो आंशिक प्रभावित हुई हैं। वहीं उन्नाव में तीन ग्राम पंचायते पूरी तरह से समाप्त हो चुकी हैं और तीनों आंशिक प्रभावित हुई हैं। इस प्रकार प्रदेश की 504 ग्राम पंचायते परिसीमन के बाद कम हुई हैं जिनमें 105 ग्राम पंचायते आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। सीतापुर जिले में महमूदाबाद की 6 व महोली ब्लॉक की 5 ग्राम पंचायते समाप्त हुई हैं या यूं कहें कि यह ग्राम पंचायते नगर निकायो में शामिल हो चुकी हैं। महमूदाबाद की ग्राम पंचायत लैलकला, चतुराबेहड़, माल सरांय आंशिक, इचौली, गुलरामऊ, सुकईपुर और महोली की अढ़ैारी, अढ़ौरा, भिरिया, महोली देहात व गुजिया ग्राम पंचायतो में इस बार पंचायत चुनाव नहीं होगा। कुल मिलाकर ग्राम पंचायतों के परिसीमन के बाद सीन क्लियर हो गया है कि उत्तर प्रदेश में 2026 के पंचायत चुनाव में 57 हजार 695 ग्राम पंचायतो, 826 ब्लॉक व 75 जिलो में चुनाव होगा। 

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UP Panchayat Elections-ग्राम पंचायतों के परिसीमन को लेकर शुरू हुई प्रक्रिया,जल्द होगा चुनाव ! https://eyeindia.org/up-panchayat-elections-%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%aa%e0%a4%82%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b8/ https://eyeindia.org/up-panchayat-elections-%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%aa%e0%a4%82%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b8/#respond Sun, 29 Jun 2025 08:18:59 +0000 https://eyeindia.org/?p=1122 उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों की तैयारियां अब निर्णायक मोड़ पर है। शनिवार 28 जून से ग्राम पंचायतों के परिसीमन की प्रक्रिया विधिवत रूप से […]

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उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों की तैयारियां अब निर्णायक मोड़ पर है। शनिवार 28 जून से ग्राम पंचायतों के परिसीमन की प्रक्रिया विधिवत रूप से शुरु हो गई है। यह ऐसी प्रक्रिया है जो आने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की नींव रखेगी। अब निर्वाचन प्रक्रिया के अगले चरण में प्रभावित जिलों में संबंधित ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों के आंशिक परिसीमन के संबंध में आपत्तियां लेने, उनके निस्तारण और अंतिम सूची के प्रकाशन के लिए समय सारणी निर्धारित कर दी गई है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत 30 जून तक ग्राम पंचायतवार जनसंख्या का निर्धारण किया जाएगा। जबकि 1 से 3 जुलाई के बीच प्रस्तावित वार्डो की सूची तैयार कर सार्वजनिक की जाएगी और फिर 4 जुलाई से 8 जुलाई तक आम जन की आपत्तियां दर्ज की जाएगी। ताकि हर पंचायत की सीमा प्रतिनिधित्व और अधिकारों को लेकर कोई भ्रम या असंतोष न रहे। 9 से 11 जुलाई के बीच इन आपत्तियों का निस्तारण होगा। 12 से 14 जुलाई तक वार्डो की अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी। 16 जुलाई तक यह सभी सूचनाएं पंचायतीराज निदेशालय को उपलब्ध कराई जाएगी। शासन के उच्च पदस्थ सूत्रो के मुताबिक सभी जनपदों से पुनर्गठन की प्राथमिक सूचना मिल चुकी है। यह परिसीमन क्यों कराया जा रहा है। आईए इसे भी जान लेते है। दरअसल पंचायत चुनाव 2021 के बाद राज्य के कई हिस्सों में नए नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिकाओं का सृजन हुआ है। जिसके चलते कई ग्राम पंचायते शहरी सीमा में शामिल हो गई। इस दौरान कई ग्राम पंचायतों की जनसंख्या 1 हजार से भी कम रह गई। ऐसे में अब उन आंशिक रूप से प्रभावित ग्राम पंचायतों का या तो पुनर्गठन किया जाएगा या फिर उन्हें नजदीकी पंचायतों में विलय कर दिया जाएगा। क्योंकि उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम के अनुसार एक हजार से कम जनसंख्या वाली पंचायतों का स्वतंत्र अस्तित्व बनाए रखना संभव नहीं है। इन हालातों में जिन ग्राम पंचायतों के पास पर्याप्त जनसंख्या और बचे हुए राजस्व ग्राम है उन्हे नई ग्राम पंचायत के रूप में भी गठित किया जा सकता है। यानी कि जिन ग्राम पंचायतो की तस्वीर बदल गई है उन्हे नए सिरे से समझा, जोड़ा और गढ़ा जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य जन भागीदारी को सुनिश्चित करना, न्याय पूर्ण प्रतिनिधित्व देना और हर पंचायत को उसका वाजिब हक एवं संविधान सम्मत आकार प्रदान करना है। माना जा रहा है 2026 के अप्रैल मई में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सम्पन्न कराए जाएगे। शनिवार से शुरु हुई ग्राम पंचायतों के परिसीमन की ऐतिहासिक प्रक्रिया आने वाले समय में स्थानीय नेतृत्व और जन प्रतिनिधित्व की निष्पक्षता को एक नया आकार देगी। इस खबर पर आपकी क्या राय है कमेंट बॉक्स में जाकर जरूर बताइएगा।

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